सिमरी लाइव
बुधवार, 21 सितंबर 2011
जी करता है!
जी
करता
है
आज
एक
धारा
बन
जाऊं
,
दरिया
से
सागर
तले
कही
खो
जाऊं
.
मौत
भी
मुझे
पा
न
सके
,
ऐसे
वीरान
में
कही
लुप्
त
हो
जाऊं
.
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